# किस बात की प्रतीक्षा में लेखक की आंखें धुंधली पड़ गई हैं?
लेखक यहोवा के उद्धार और उसके धर्ममय वचन के पूरे होने की बाट जोहते-जोहते उसकी आंखें धुँधली पड़ गई हैं।