जब विश्वासी अपनी प्रार्थना समाप्त कर चुके तो वह स्थान जहाँ वे इकट्ठे थे हिल गया, वे सब पवित्र-आत्मा से भर गए और परमेश्वर का वचन हियाव से सुनाते रहे।