वह क्या चाहती है कि उसका प्रेमी करे?
वह चाहती है कि वह चला जाए।
वह क्या चाहती है कि वह कब जाए?
जब तक दिन ठण्डा न हो जाए और छाया लम्बी होते-होते मिट न जाए।
वह क्या चाहती है कि वह किसके समान बने?
वह चाहती है कि उसका प्रेमी उस चिकारे या जवान हिरण के समान बने जो बेतेर के पहाड़ों पर फिरता है।