उन्हें सचेत और उनकी आत्मा की चौकसी करनी चाहिए ताकि वे जो भी अपनी आँखों से देख चुके हैं उसे न भूलें, लेकिन उन चीजों को उनके दिल में रखें और उन्हें अपने बेटों पोतों को सिखाए।